पृथक विंध्य के बहाने सांसद बनने का सपना देख रहे नारायण ?

भोपाल
सियासत के पायदान पर कदम रखने वाले हर इंसान को महत्वाकांक्षा के पंख लग जाते हैं, समाज सेवा के नाम पर वह शह मात का खेल खेलते हुए नई बुलंदियों को हासिल करने हर तरह के हथकंडे अपनाने से बाज नहीं आता. कमोबेश ऐसी ही हालत मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी की भी है. सपा, कांग्रेस के बाद भाजपा की टिकट पर उन्होने मैहर विधान सभा सीट से फ़तह हासिल की, चार मर्तबा विधायक चुने गए लेकिन अब वे सांसद बनने का हसीन सपना देख रहे हैं. सियासी जानकारों की माने तो नारायण ने इसकी भूमिका बनानी भी शुरू कर दी.

उन्होने पृथक विन्ध्य का राग अलापना शुरू किया. कई जिलो में रैलिया निकाली. जनता से समर्थन मिलने का दावा भी किया लेकिन दुर्भाग्य से भाजपा और कांग्रेस समेत किसी दल के सांसद और विधायक उन्हें समर्थन नही दे रहे. दरअसल, किसी पार्टी के एजेंडे में पृथक विन्ध्य बनाने की बात नही है ऐसे में सवाल यह है कि अकेला चना भांड कैसे फोड़ेगा. नारायण भी इतना जानते हैं हैं कि विन्ध्य का पुनर्निर्माण आसान नही है और अकेले दम पर वे कुछ नहीं कर सकते मगर बावजूद इसके मांग करके सियासी गलियारे में हलचल मचाने मे कामयाब जरूर हो गए. जानकार बताते हैं कि नारायण की नजर सतना लोकसभा सीट पर है. बता दें कि नारायण की वजह से ही अजय सिंह राहुल लोकसभा चुनाव गणेश सिंह से महज 8 हजार वोट के अन्तर से हार गए थे मगर मौजूदा समय मे नारायण और गणेश के सम्बन्ध मधुर नहीं हैं .हाल ही में हुए रैगाव विधानसभा चुनाव मे भी भाजपा को तब करारी शिकस्त झेलनी पड़ी जब सूबे के मुखिया शिवराज सिंह समेत पूरी सरकार लगी थी, इस हार के लिए गणेश सिंह को जिम्मेदार ठहराया गया था. इतना ही नही भरहूत होटल मे नारायण को मनाने की तमाम कोशिशें की गई लेकिन पार्टी को कामयाबी नही मिली. इन्ही जानकारों की माने तो पार्टी के अंदर गणेश सिंह से कई पदाधिकारी नाराज चल रहे हैं, इसका फ़ायदा नारायण उठाना चाह रहे और वे पृथक विन्ध्य के बहाने संसद की दहलीज लांघने के ख्वाब भी देख रहे हैं.।